
जैसे क्षितिज की चाह सूरज से मिले
मेरे साये ने कहा आज मुझ से मिले
मेरा शोर है उत्सुक मेरे मौन से मिले
मेरी प्रार्थना की प्रीत कि प्रभु से मिले
Musings of the half taken breath……

जैसे क्षितिज की चाह सूरज से मिले
मेरे साये ने कहा आज मुझ से मिले
मेरा शोर है उत्सुक मेरे मौन से मिले
मेरी प्रार्थना की प्रीत कि प्रभु से मिले