Reflections…we are enough

जैसे क्षितिज की चाह सूरज से मिले मेरे साये ने कहा आज मुझ से मिले मेरा शोर है उत्सुक मेरे मौन से मिले मेरी प्रार्थना की प्रीत कि प्रभु से मिले

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खोया है तू

अगर खोया है तू कि कोई ढूँढे तुझे तो ले निकला हूँ मैं तेरी खोज में अगर खोया है तू कि ख़ुद को ढूँढ सके तो ले मैं यहीं बैठा हूँ तेरे सदके ~ और जब मिल जाये अपना पता और निशान तो चले आना बताने, बन फ़ुरसत-ए-मेहमान कि वो जो तुझ को मिला औरContinue reading “खोया है तू”

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Searching

मेले में ख़ामोशीऔर अकेले में शोरमुझ में ख़ुदाऔर ख़ुदा में कोई औरक्या ढूँढते होकहाँ उलझी है डोरक़ाबा खड़ा हैतेरे सजदों की ओर

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